इंदौर. इंदौर में अपराधी इतने बेखौफ हो चले हैं कि अब वो थाने के आसपास भी वारदात कर रहे हैं. यहा थाने से 100 मीटर दूर जुआ घर बना हुआ था. ये मुंबई और गोवा के कैसिनो की तर्ज पर चलाया जा रहा था. क्राइम ब्रांच ने दबिश तो लाखों रुपये का लेनदेन मिला.
इंदौर क्राइम ब्रांच ने राजेन्द्र नगर थाने के सामने बमुश्किल 100 मीटर दूर एक जुए के अड्डे पर दबिश दी. पुलिस ने यहां जुआ खेल रहे आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया.उनके कब्जे से लाखों रुपए के लेनदेन, समेत जुए से सम्बंधित अन्य सामग्री जब्त हुई.
थाने के सामने जुआ
राजेन्द्र नगर थाने के ठीक सामने रिमझम बार है. एडिशनल कमिश्नर को यहां लंबे समय से जुआ की जानकारी मिल रही थी. इस सूचना पर एडिशनल कमिश्नर राजेंश हिंगणकर ने एक टीम का बनाकर दबिश डलवाई. यह दबिश इतनी गोपनीय थी कि एक टीम के अलावा किसी और को जानकारी भी नहीं थी. क्राइम ब्रांच की टीम ने मौके से जुआ खेलते छह आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसमें बार का संचालक और उसका बेटा भी शामिल है.
कैसिनो संचालक की सांठगांठ
जानकारी है कि जब टीम दबिश देने पहुंची तो बार संचालक ने मोबाइल निकाल कर थाने के किसी पुलिस कर्मी से बात कराने का दबाब क्राइम ब्रांच की टीम पर बनाया. लेकिन क्राइम ब्रांच की सख्ती के आगे
उसकी चल नहीं सकी. पुलिस ने उसका मोबाइल बंद करवाकर उसे हिरासत में ले लिया.
बार में कैसिनो
राजेन्द्र नगर थाना इलाके में रिमझिम बार का रिकार्ड लम्बे समय से खराब रहा है. वहां जुए का अड्डा गोपनीय तौर पर चलता रहा है. कई वर्ष पहले तत्कालीन एडीशनल एसपी रुपेश द्विवेदी और मल्हारगंज सीएसपी ने यहां दबिश दी थी. उसमें दो दर्जन से अधिक आरोपी जुआ खेलते पकड़े गए थे. उनके कब्जे से पैसे भी जब्त हुए थे. जांच के दौरान उस वक़्त भी थाने के पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गयी थी. तब उस थाने के कई पुलिस कर्मयों पर गाज गिरी थी. इस बार भी आशंका है कि पुलिस के बड़े अफसर जांच के बाद पुलिस कर्मियों को दोषी मानकर उनके खिलाफ कार्यवाही कर सकते हैं.
पुलिस का हाथ
जुए के अड्डे का खुलासा होते ही पुलिस अधिकारियों को अब बदनामी का डर सताने लगा है. उन्हें आशंका है कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है. यही वजह है कि वह अब राजनैतिक संरक्षण की जुगाड़ में हैं. रिमझिम बार का संचालक और उसके बेटे पर कई अपराध दर्ज हैं. संचालक के बेटे पर हाल ही में बलात्कार, धोखाधड़ी समेत अवैध हथियार रखने की धाराओं में केस दर्ज हुआ था. वह कुछ समय पहले ही जेल से छूट कर आया था.
जांच का आदेश
पुलिस के बड़े अफसर अब पूरे मामले की जांच में जुट गए हैं. इंदौर कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही डीसीपी को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. डीसीपी ने थाना प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा है, साथ ही उन जवानों के भी नाम मांगे हैं जिनकी भूमिका संदिग्ध है.
पुलिस कमिश्नर ने बताया…
इंदौर कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा के मुताबिक क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई की है. इसमें छह आरोपी गिरफ्तार हुए हैं. थाने के ठीक सामने अवैध गतिविधि संचालित होने पर पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है. शुरुआती जांच में एक आरक्षक की भूमिका संदिग्ध मिली. पूरी जांच रिपोर्ट मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : August 29, 2022, 20:06 IST