West Bengal, Kolkata, High Court on Driving License: यातायात नियमों के उल्लंघन के आरोप में पकड़े जाने पर ट्रैफिक पुलिस क्या आपका लाइसेंस सस्पेंड या कैंसल कर सकती है. शायद आपको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होगी. अब कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर बड़ा फैसला दिया है. Calcutta High Court on Driving License: क्या यातायात नियमों के उल्लंघन के आरोप में पकड़े जाने पर ट्रैफिक पुलिस आपका ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) सस्पेंड कर सकती है. शायद आपको भी इस सवाल का जवाब नहीं पता होगा. लेकिन अब कोलकाता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) ने इस बारे में स्थिति साफ कर दी है. हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि ट्रैफिक या सिविल पुलिस ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं करती, इसलिए उसे ड्राइविंग लाइसेंस को जारी करने का भी अधिकार नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि यातायात उल्लंघन के मामले में पुलिस आरोपी का चालान काट सकती है लेकिन उसका ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड नहीं कर सकती. Kolkata हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाली प्रियशा भट्टाचार्य 19 मई, 2022 को साउथ सिटी मॉल से न्यू अलीपुर के लिए घर जा रही थी. उसी दौरान उनकी गाड़ी को ट्रैफिक पुलिस ने रोक लिया. भट्टाचार्य के मुताबिक वह 62.1 किमी/घंटा की स्पीड के साथ गाड़ी चला रही थीं. ओवरस्पीडिंग के आरोप में पुलिस ने उनका ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) जब्त कर लिया. कुछ दिनों बाद उन्होंने पुलिस को एक ई-मेल भेजकर अपना ड्राइविंग लाइसेंस वापस करने का अनुरोध किया. इस पर पुलिस ने रिवर्ट ईमेल करके बताया कि उनका ड्राइविंग लाइसेंस 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है. इसके बाद प्रियाशा ने अपने वकील फिरोज एडुल्जी और अमृता पांजा मौलिक के जरिए कोलकाता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में याचिका दायर की. फिरोज एडुल्जी ने मोटर वाहन अधिनियम और विभिन्न अदालतों के पूर्व फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि नियमों के उल्लंघन पर ट्रैफिक पुलिस को ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करने का अधिकार है लेकिन इसके बाद उस लाइसेंस (Driving License) को मोटर वाहन विभाग को सौंप देना चाहिए. चूंकि मोटर वाहन विभाग ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी करता है, इसलिए उसे ही यह तय करना चाहिए कि लाइसेंस सस्पेंड किया जाए या रद्द कर दिया जाए. इस मुद्दे पर कोलकाता ट्रैफिक पुलिस ने कोर्ट में तर्क रखकर अपनी कार्रवाई को जायज ठहराया. दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद जस्टिस भट्टाचार्य ने आदेश दिया कि चूंकि ट्रैफिक पुलिस को ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) जारी करने का अधिकार नहीं है, इसलिए वह उसे सस्पेंड या रद्द भी नहीं कर सकती. उसे जब्त किए हुए लाइसेंसों को हर हाल में मोटर वाहन विभाग को सौंपना ही होगा. उसके बाद वह विभाग गुण-दोष के आधार पर लाइसेंस पर फैसला लेगा. कोर्ट (Calcutta High Court) ने ट्रैफिक पुलिस को ऑर्डर दिया कि वह 2 सप्ताह में वादी प्रियाशा को ड्राइविंग लाइसेंस वापस करे. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी नसीहत दी कि गाड़ी चलाते समय अधिक जिम्मेदारी का परिचय दें और कुछ भी ऐसा न करें, जिससे दूसरों की जान को खतरा हो.
Edit By : M T RAHMAN