राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र एक दशक के भीतर गैर-पेट्रोलियम और लौह अयस्क क्षेत्रों के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान बढ़ाने के लिए भूमिगत खनिज भंडार के लिए और अधिक अन्वेषण का लक्ष्य बना रहा है। कोलकाता में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के केंद्रीय मुख्यालय में शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद बात करते हुए जोशी ने कहा कि देश भर में जी2, जी3 और जी4 स्तरों पर कुल 430 ब्लाकों का पता लगाया गया है और अन्वेषण के बारे में रिपोर्ट संबंधित राज्यों को सौंप दी गई है। उन्होंने कहा- सकल घरेलू उत्पाद में खनन क्षेत्र का योगदान एक प्रतिशत से भी कम है और मैं पेट्रोलियम उत्पादों और लौह अयस्क के अलावा अन्य खनिजों के बारे में बात कर रहा हूं। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल्पना की थी, हमें इस योगदान को 2030 तक कम से कम 2.5 प्रतिशत तक ले जाना होगा। उन्होंने कहा कि मैंने जीएसआइ को अपनी अन्वेषण परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए कहा है। जोशी ने हालांकि ब्लाकों के बारे में विस्तार से नहीं बताया। उन्होंने कहा कि 2021 की शुरुआत में प्रधानमंत्री ने खनन क्षेत्र में कुछ बड़े सुधार लाने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि प्रत्येक हितधारक को परिवर्तनों के बारे में सूचित किया जाए। पीएम के निर्देश पर 16-17 महीनों के भीतर जीएसआइ द्वारा सीमांकित किए जाने के बाद पहले ही 100 ब्लाकों की नीलामी की जा चुकी है। मंत्री ने बैठक में जीएसआइ के कामकाज और उसके मौजूदा परियोजनाओं की समीक्षा की। जीएसआइ सरकार, उद्योग और आम लोगों को बेसिक अर्थ साइंस डेटा उपलब्ध कराती है। जोशी ने जीएसआइ की तीन प्रयोगशालाओं का भी दौरा किया।
देवचा पचामी परियोजना में मदद को तैयार केंद्र
वहीं, बीरभूम जिले में बंगाल सरकार की महत्वाकांक्षी देवचा पचमी कोयला ब्लाक परियोजना में अड़चन के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा, अगर कोई मुद्दा है, तो उन्हें (राज्य) को हमारे (खनन विभाग) पास आने दें। हम मुद्दों को सुलझाने के लिए अपनी भूमिका निभाने को तैयार हैं। परियोजना के खिलाफ स्थानीय लोगों और गैर सरकारी संगठनों के एक वर्ग द्वारा किए जा रहे आंदोलन के बारे में उन्होंने कहा कि इसका समाधान खोजना राज्य सरकार का काम है, लेकिन केंद्र मदद के लिए तैयार है।
कोल इंडिया मुख्यालय का भी किया दौरा
एक दिवसीय दौरे में जोशी ने यहां अपने मंत्रालयों से जुड़े विभिन्न विभागों के कामों की समीक्षा की। उन्होंने हिंदुस्तान कापर लिमिटेड (एचसीएल) के कारपोरेट कार्यालय और कोल इंडिया मुख्यालय का भी दौरा किया और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
जीएसआइ मुख्यालय में स्वच्छता अभियान में भी केंद्रीय मंत्री ने लिया हिस्सा
पहली बार जीएसआइ के केंद्रीय मुख्यालय के दौरे पर आए खान मंत्री जोशी ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के स्वच्छता अभियान में भी भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कार्यस्थल की स्वच्छता और फाइलों को समय से डिस्पोज करने पर जोर दिया। साथ ही, स्वच्छता को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया और अधिकारियों को स्वच्छता जागरुकता बढ़ाने वाले कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। साथ ही, सभी कार्यालय परिसरों को कचरे एवं वेस्ट से मुक्त रखने और उन्हें ग्रीन जोन में परिवर्तित करने को कहा। इस दौरे में मंत्री के साथ खान मंत्रालय में अपर सचिव संजय लोहिया एवं निदेशक (तकनीकी) प्रदीप सिंह भी थे।
डीजी ने खनिज अन्वेषण के कार्य को समय पर पूरा करने का दिया आश्वासन
इससे पहले जीएसआइ के महानिदेशक (डीजी) डा. एस राजू ने अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंत्री का स्वागत किया। एक बयान में बताया गया कि समीक्षा बैठक के दौरान अपने स्वागत भाषण में जीएसआइ महानिदेशक ने प्रमुख फ्रंटलाइन गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में बताया। डा राजू ने यह भी बताया कि आधार रेखा सर्वेक्षण और खनिज अन्वेषण से संबंधित प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में जीएसआइ द्वारा की गई सभी प्रतिबद्धताओं को समय पर पूरा किया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि दिसंबर, 2022 में नीलामी के लिए संबंधित राज्य सरकारों को 50 रिपोर्टें (34, जी4 और 16,जी2/जी3) सौंप दी जाएगी।
Edit By : M T RAHMAN