मेट्रो रेल की वजह से कोलकाता की इमारतों में दरार, कई लोग हुए बेघर, आंखों में आंसू, अब नये आशियाने की तलाश

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के कार्यों की वजह से बऊबाजार इलाके में शुक्रवार को कई घरों में दरारें आ गई है.

क्राइम इंडिया संवाददाता, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो  के कार्यों की वजह से बऊबाजार इलाके में शुक्रवार को कई घरों में दरारें आ गई है. यह घटना पहली बार नहीं घटी है.इसके पहले भी वर्ष 2019 में बऊबाजार इलाके में लोगों के घरों में दरार आई है और वह सरकार पर निर्भर है. इस बार भी लगभग 12 से अधिक घरों में दरार आई है और लोग सड़कों पर आ गये है.इन घरों में रहने वाले लोगों का कहना है कि घर से बेघर होकर हम कहां जायें. मेट्रो के कार्यों की वजह से बाउबाजार में शुक्रवार को कम से कम 12 घरों में नई दरारें आने पर कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि जब तक रेलवे बोर्ड के उच्च अधिकारी इस मामले में हस्तक्षेप कर समस्या का समाधान नहीं करेंगे, तब तक यही स्थिति बनी रहेगी. मेट्रो के सूत्रों के मुताबिक भूमिगत सुरंग खोदने के लिए जो बोरिंग मशीनें लाई गई थीं, वे बीच में ही फंस गईं हैं. इसके अलावा नौ मीटर का स्लैब बनाते समय इंजीनियरों को बार-बार बाधाओं का सामना करना पड़ता है. जमीन के नीचे से पानी रिसने से आसपास के घरों में दरारें पड़ रही हैं. तृणमूल विधायक नयना बंधोपाध्याय ने कहा कि अब तक यह काम बंद था लेकिन फिर जैसे ही मेट्रो ने काम शुरू हुआ वैसे ही दरारें पड़ने शुरू हो गई. हमें अब तक पता नहीं कि भीतर कब तक मिटटी स्थिर होगी. हमारी अपील है कि मेट्रो प्रबंधन कुछ बताए कि क्या स्थिति है. इसके पहले भी जनता को इस तरीके से परेशान होना पड़ा था.वहीं सांसद सुदीप बनर्जी ने घटनास्थल का जायजा लिया. वहीं बीजेपी के पार्षद सजल घोष ने कहा कि इस घटना को लेकर वे बहुत चिंतित है. मेट्रो ने दावा किया था कि काम दौरान किसी को परेशानी नहीं होगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. स्थानीय लोगों को किस प्रकार सुरक्षा से उनके आवास में रहने की व्यवस्था की जाए इस पर विचार कर रहे हैं. पिछली बार ही मेट्रो रेल के अधिकारियों से हमारी एक बैठक होने वाली थी, पर वह बैठक नहीं हुई है. अतः इसे लेकर जरूरी बैठक करने की आवश्यकता है.

Edited By : Rahman

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