राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Bengal SSC Scam: शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी को लेकर रोज बड़े खुलासे हो रहे हैं। ईडी (ED) की चार्जशीट में एक और सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। पता चला है कि पार्थ चटर्जी अर्पिता मुखर्जी को नगर निगम चुनाव में उम्मीदवार बनाना चाहते थे। इसके लिए अर्पिता ने खुद को तैयार भी कर लिया था। पार्थ चट्टोपाध्याय ने पिछले नगरपालिका चुनाव में अर्पिता मुखोपाध्याय को कमरहाटी नगर पालिका के वार्ड नंबर 22 से तृणमूल कांग्रेस का उम्मीदवार बनाने की पूरी कोशिश की थी। हालांकि सफलता नहीं मिली थी। दावा है कि उस समय तृणमूल कांग्रेस के उत्तर 24 परगना के नेतृत्व के आड़े आने के कारण पार्थ योजना को लागू नहीं कर पाए थे। तृणमूल कांग्रेस के एक सूत्र के मुताबिक, शीर्ष नेताओं ने पार्थ से पूछा था कि अर्पिता मुखोपाध्याय कौन हैं? उनका पार्टी से क्या संबंध है? और पूरा मामला विधायक मदन मित्रा और गोपाल साहा की आपत्ति की वजह से फंस गया था। उन्होंने पूछा था कि उन्हें क्यों उम्मीदवार बनाया जाए, जिन्हें कोई नहीं जानता, पार्थ इतना दबाव क्यों बना रहे हैं? पार्थ चटर्जी से यह भी पूछा गया था कि अगर अर्पिता का उनका किसी तरह से कोई संबंध है या पार्टी से कोई लेना देना है तो वह खुल कर बताएं, उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा। लेकिन तब पार्थ चटर्जी पीछे हट गए थे जिससे इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अपने भ्रष्टाचार में बलि का बकरा बनाने के लिए उन्होंने हमेशा से ही अर्पिता को मोहरा बनाया था और कभी भी यह राज खोलना नहीं चाहते थे कि अर्पिता उनकी करीबी है। नाम न जाहिर करने की शर्त पर तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि अगर वह नगर निगम चुनाव जीत जाती तो अर्पिता पार्टी नेता बन जाती। अर्पिता की मां वार्ड नंबर 22 में रहती थीं। तृणमूल कांग्रेस के नेता अर्पिता को नहीं जानते थे। इसलिए इस प्रस्ताव पर किसी ने सहमति नहीं दी। अब ऐसा लगता है कि लोगों का प्रतिनिधित्व करके एक बड़ी रकम बचाने की रणनीति थी।
Edit By : M T RAHMAN